शेषशयन स्वरूप

🛕..श्रीनारायण..✨
जिस घर के मंदिर में श्रीनारायण अर्थात विष्णु भगवान शेषशयन स्वरूप में विराजमान हों वहाँ पर श्री,कीर्ति,सम्पत्ति एवं लक्ष्मी का वास होता है.
श्रीनारायण भक्ती पंथ के अनुसार
देव स्वरूप अत्यंत सुंदर मनोहर एवं ठोस होने चाहिये.
स्वरुप को देवस्थान में पूजन विधि के पश्चात ही अपने घर में लाना श्रेष्ठ होता है.
दुकान से खरीद कर ली गई मूर्ति को मूर्ति कहते हैं, यह शब्द देव स्वरुप के लिये ठीक नहीं होता.
श्रीनारायण भक्ती पंथ के अनुसार भक्ति स्थान से विधिपूर्वक पूजन के बाद हम सर्वगुण संपन्न श्रीवीग्रह प्राप्त कर धन्य हो जाते हैं.
इसलिए सर्वकल्याण महापूजा अनिवार्य है.
स्वरुप प्राप्त करें भक्ति  प्रारंभ करें.
अपना यह लोक और परलोक सँवारे.
धर्म, अर्थ, काम और मोक्ष सब केवल विष्णु भगवान की शरण में है.
-श्रीनारायण भक्ती पंथ

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