परा एकादशी के पावन पर्व पर भगवान के सम्मुख उपस्थित रहकर सत्संग का लाभ लें। आपको अतुल्य शांति का अनुभव होगा भगवद भाव की प्राप्ति होगी।
जिस प्रकार डिग्री प्राप्त करने के लिए स्कूल की पढ़ाई आवश्यक है वैसे ही जीवन यापन करने हेतु धर्म की अध्यात्म की शिक्षा अनिवार्य है। जब हमें सत्संग और विवेक की दृष्टि प्राप्त होती है तब जीवन अधिक सुगम होता है।
अपने कर्तव्य एवं धर्म का पालन सभी को अवश्य ही करना चाहिए। इसलिए सभी इंदौर वासी विष्णुभक्तों से निवेदन है कि कल समय पर उपस्थित होकर अपनी भक्ति परायणता को सुदृढ़ करें। एकादशी के पावन पर्व पर गुरुदेव के सम्मुख उपस्थित हो और सब मिलकर नारायण भगवान का पूजन करें भक्ति करें।
श्रीलक्ष्मीनारायण भगवान की कृपा अवश्य ही प्राप्त होगी।
सभी को सप्रेम श्रीनारायण


